आरा। भारत के प्रथम महिला प्रधानमंत्री आयरन लेडी स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी का शहादत दिवस तथा पूर्व गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती समारोह कांग्रेस कार्यालय शहीद भवन आरा में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक राम की अध्यक्षता में उन दोनों नेताओं के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कि गयी। आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा गांधी सत्ता संभालने के बाद उन्होंने भारत की दशा और दिशा ही बदल दी। 1955 में वह राजनीति को गहराई से समझने लगी थीं। इंदिरा गांधी ने कई उपलब्धियां अपने नाम की 1966 से 1977 तक वह लगातार 3 बार प्रधानमंत्री बनीं। इसके बाद 1980 से 1984 तक फिर से पीएम का पद संभाला। हालांकि 1984 में बदले की भावना से उनके अंगरक्षक ही उनके हत्यारे बन गये 19 जुलाई 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण एक महत्वपूर्ण फैसला था बैंकों का राष्ट्रीयकरण। 19 जुलाई 1969 को इंदिरा गांधी की सरकार ने अध्यादेश पारित किया और 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। इस अहम फैसले का कारण था देश में आर्थिक समानता को बढ़ावा देना था। हालांकि वर्तमान सरकार में निजीकरण की और रूझान अधिक बढ़ा ।
पाकिस्तान के दो हिस्से करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को इंदिरा गांधी ने आगाह किया था निक्स्न को अंदाजा हो गया था कि भारत नहीं मानने वाला है पाक सैनिकों के व्यवहार से तंग आकर बांग्लादेशी शरणार्थी भारत आ रहे थे। जिसका असर देश पर पड़ रहा था। ऐसे इंदिरा गांधी ने कार्रवाई नहीं करते हुए बांग्लादेश को स्वतंत्र देश बनाया। 18 मई 1974 का दिन भारत ऑपरेशन पोखरण में परमाणु परीक्षा करके दुनिया को चौंका दिया था। इस प्रकार से इंदिरा गांधी जी की कई अहम फैसला देश को सशक्त एवं मजबूत बनाने में अहम योगदान निभाया सरदार पटेल भी देश की एकता एवं अखंडता को कायम करने के लिए देश के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभाई है उनके जन्मदिन पर आज हम सब उनको याद कर शत-शत नमन करते हैं। एवं कार्यक्रम में उपस्थित होने वालों में विजय दुबे, रजी अहमद, बिरेन्द्र मिश्रा, सैयद रासिद हुसैन, पन्नग त्रिपाठी, अशोक यादव, श्रीधर तिवारी, अमित द्विवेदी, जितेंद्र शर्मा, सत्य प्रकाश राय, प्रभा सिंह यादव, अरुण कुमार सिंह, विजेन्द्र राय, शशि कान्त तिवारी, गोपाल कृष्ण गोखले, जंग बहादुर सिंह, अंजनी कुमार, लाल मोहन सिंह, लुटावन चौरसिया, प्रमोद राय, भास्कर मिश्रा, नर्वदेश्वर ओझा, अंजनी कुमार पाण्डेय, सम्पत सिंह, घनश्याम चौधरी, सुर्य प्रकाश, अरूण कुमार, शिवकुमार आदि उपस्थित थे।