कौन है विनय दुबे ?, जिसने बांद्रा स्टेशन पर जुटे मजदूरों को किया गुमराह, पुलिस ने किया गिरफ्तार



- 2012 में एनसीपी के टिकट पर लड़ चुका वाराणसी शहर उत्तरी से विधानसभा चुनाव
- निजी जिंदगी में इंजीनियर बनना चाहता था विनय दुबे मुंबई में मंगलवार को लॉकडाउन की धज्जियां उड़ीं. बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एकाएक हजारों मजदूरों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी घर जाने की उम्मीद में वहां पहुंचे थे. पुलिस को इन लोगों को वहां से हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. इस मामले में 1 हजार लोगों पर केस भी हुआ है. इनमें विनय दुबे नाम का भी शख्स शामिल है. आरोप है कि विनय ने लॉकडाउन तोड़ने के लिए मजदूरों को उकसाया. उसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह ऐसी बातें करते नजर आ रहा है. आखिर कौन है विनय दुबे ?
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों को गुमराह कर इकट्ठा करने के आरोपी शख्स विनय दुबे को मुंबई पुलिस ने एरोली क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद आरोपी विनय दुबे को मुंबई पुलिस देर रात बांद्रा स्टेशन ले गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि विनय ने मुंबई के कुर्ला में 18 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों की ओर से देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी।
पुलिस ने अनुसार आरोपी विनय दुबे ‘चलो घर की ओर’ कैंपेन चला रहा था। उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किए गए पोस्ट में इसी बात का जिक्र किया है। साथ ही अपनी एक टीम के बांद्रा में होने की बात कही है। एक पोस्ट में उसने 18 अप्रैल तक ट्रेनें शुरू नहीं होने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी तक दी है। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने करीब एक हजार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
मुंबई पुलिस की एफआईआर में विनय दुबे पर लॉकडाउन के बीच लोगों को गुमराह करने का आरोप है। मुंबई पुलिस ने विनय के खिलाफ धारा-188 और महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
कौन है विनय दुबे ?
विनय के फेसबुक अकाउंट पर दी गई जानकारी के मुताबिक वह नवी मुंबई का रहने वाला है। उसने खुद को उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। फेसबुक पर विनय ने कई पोस्ट शेयर किए हैं, इनमें से एक वीडियो में वह कहता सुनाई देता है कि उसने महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए 40 बसों का इंतजाम किया है, ताकि नि:शुल्क रूप से इन मजदूरों को उनके मूल घरों तक पहुंचाया जा सके। राज्य सरकारों से इसकी अनुमति मांगी परंतु अभी तक नहीं मिली है। वीडियो पोस्ट में इसी तरह की कई बातें विनय ने साझा की हैं। विनय के इस वीडियो को 15 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है।
राज ठाकरे के साथ मंच किया साझा



विनय के फेसबुक अकाउंट में अपलोड फोटोज में से एक में वह मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ मंच साझा करता दिखाई पड़ता है। इसके अलावा उसकी प्रोफाइल में अपलोड एक फोटो में वह विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारी पेश करता हुआ भी दिखता है।
बता दें कि मंगलवार को मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा। उन्हें हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। हालांकि अब वहां से प्रवासी मजदूरों को हटा दिया गया है। बता दें कि पूरे देश में 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।
राजनेताओं से करीबी संबंध



राज ठाकरे के साथ मंच साझा करने अलावा भी विनय दुबे के राजनेताओं से अच्छे संबंध हैं। दरअसल दुबे ने अपने ट्विटर अकाउंट कुछ ट्वीट किए हैं इनमें से एक में सत्ताधारी पार्टी की सहयोगी एनसीपी के नेताओं से उसकी करीबी झलकती है। एक ट्वीट में वह कहता है कि उसके पिता ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए महाराष्ट्र सरकार को अपने जीवन की सारी पूंजी दान कर दी। उसने इसे स्वीकारने के लिए गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आभार भी जताया है।
लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच मुंबई के बांद्रा में भारी भीड़ एकत्र करने का आरोपी भदोही का विनय दुबे निजी जिंदगी में इंजीनियर बनना चाहता था। मगर अब उस पर समाज का दुश्मन होने का आरोप है। वह खुद और उसके परिवार वाले भी यह समझ नहीं पा रहे हैं। एक समय था जब उसने गरीब-मजदूरों के हक के लिए सिस्टम से दो-दो हाथ करने की तमन्ना मन में पाली थी। विनय दुबे 2012 में वाराणसी शहर उत्तरी से विधानसभा का चुनाव एनसीपी के टिकट पर लड़ा था।
सफलता नहीं मिली तो पार्टी छोड़कर महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय महापंचायत नाम से स्वयंसेवी संगठन बनाकर समाजसेवा में जुट गया। लेकिन, राजनीति से मोहभंग अब भी नहीं हुआ था। लिहाजा, महज सोशल मीडिया के फैन फॉलोअर्स के बूते पिछले लोकसभा चुनाव में मुंबई के कल्याण सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गया, मगर फिर हार का सामना करना पड़ा।