आरा स्थानीय ज्ञान ज्योति आवासीय विद्यालय में जन्माष्टमी के अवसर पर एक अद्भुत एवं अद्वितीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें प्री नर्सरी, नर्सरी, केजी एवं कक्षा एक से तीन तक के छात्र छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत पूजा अर्चना से हुई जिसमें सुसज्जित थाल में साजे दीप से श्री कृष्ण की आरती हुई। ज्ञान ज्योति की प्राचार्या श्रीमती सीपी जैन ने आरती किया तथा विद्यालय के प्रत्येक सदस्यों ने भी बारी बारी आरती की। प्रसाद वितरण हुआ और वातावरण आनंदमय हो गया। प्रांगण में छोटे छोटे नन्हे नन्हे बच्चे भगवान् श्री कृष्ण और राधा बनकर सबका मन मोह रहे थे। इस रूप में इन नन्हे नन्हे बच्चों ने स्कूल स्टेज पर जो नृत्य लीला दिखलायी उससे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग वृन्दावन पहुँच गये हों। इन बच्चों के मनमोहक रूप और खूबसूरत परिधानों ने हमारी सनातन संस्कृति को प्रत्यक्ष सामने लाकर खड़ा कर दिया। बच्चों ने एक लघु नाटिका भी पेश की जिसने सभी प्रत्यक्ष लोगों को जैसे द्वारिका और माथुरा ही पहुँचा दिया हो। ज्ञान ज्योति के इन अद्वितीय प्रतिभावान बच्चों में जिस संस्कार और कार्यशैली का बीजारोपण स्कूल कर रहा है वह अत्यंत सराहनीय एवं अनुकरणीय है। इन नन्हे बच्चों को स्टेज पर उतारने और अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करवाने में विद्यालय की शिक्षिकाओं और शिक्षकों की जितनी भूमिका रही है उससे कहीं अधिक भूमिका इन बच्चों के अभिभावकों की रही जिन्होंने बच्चों को इतने सुंदर ढंग से सजाया और संवारा तथा राधा- कृष्ण, यशोदा, देवकी, नंद बाबा आदि का रूप सज्जा कर आज के इस कार्यक्रम में चार चाँद लगाया। हर्षोल्लास के साथ कार्यक्रम का संचालन हुआ जिसमें अहम योगदान सांस्कृतिक कार्यक्रम निर्देशिका सुश्री जिनवाणी का रहा जिनके निर्देशन में कार्यक्रम हुआ। मंच संचालन रजत शिखर और मान्या ने किया। इस कार्यक्रम को स्कूल के सभी बच्चों ने देखा और आनंद लिया। जिन शिक्षक और शिक्षिकाओं ने रूप सज्जा, मंच सज्जा और बच्चों को तैयार कर कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया उनमें प्रमुख हैँ संगीता, अनुष्का, श्वेता, आशु, गुड़िया, रेशमी, बिंदा, राकेश कुमार पाठक, अमित कुमार वर्मा आदि।