आरा ज्ञान ज्योति आवासीय विद्यालय में हमारे स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉo सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर सदस्यों तथा छात्र छात्राओं द्वारा बड़ी ही शालीनता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर परंपरागत रूप से विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का अभूतपूर्व सम्मान किया गया। भारत के प्रधानमंत्री द्वारा स्वहस्ताक्षारित पत्र सह सर्टिफिकेट जो ज्ञान ज्योति के शिक्षकों के नाम से प्रधानमन्त्री कार्यालय द्वारा विद्यालय को भेजा गया था, उन्हें इन सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मान पूर्वक एवं अत्यंत हर्षपूर्ण वतावरण में विद्यालय के सभी सदस्यों, बच्चों और उपस्थित अभिभावकों के समक्ष प्रदान किया गया। तालियों की गूँज और बच्चों की खुशी विद्यालय प्रांगण में समा नहीं पा रही थी। शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर कुछ वैसे शिक्षकों को विद्यालय प्रबंधन की तरफ से निर्देशक डॉo आदित्य बिजय जैन और प्राचार्या डॉo सीपी जैन के द्वारा उपलब्धी बैज़ लगाए गये। ये बैज़ अपना एक विशेष महत्व रखते हैँ। ये बैज़ इन सभी शिक्षकों के कार्य निष्पादान और कार्य में दक्ष होने के उपलक्ष्य में इन्हें प्रदान किये गये। जिन लोगों को ये बैज़ मिले उनमें मेंटरशिप चैंपियन का बैज़ ज्ञान ज्योति के वाईस प्रिंसिपल डॉo सर्वेश कुमार को मिला। इम्प्लीमेंटेशन लीडर का बैज़ मिला नितीश और शिवानी को तथा आर्गेनाईजेशनल विज़ार्ड, कंटेंट नॉलेज गुरु, ग्रेसफुल चेंज मैनेजर, डायनामिक फैसिलिटेटर, जॉयफुल लर्निंग प्रोमोटर, पायोनीयर, क्रिएटिव क्लासरूम इन्नोवेटर तथा एक्सपीरियेंसियल लर्निंग फैसिलिटेटर के बैज़ सम्मान सहित क्रमशः शशिकाला, पूनम, धर्मेंद्र, कविता, ज्योति, सूरज प्राताप, पंकज, अश्वनी और जयकांत को लगाए गये। जिन शिक्षकों को प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा भेजे गये सर्टिफिकेट्स प्राप्त हुए उनकी संख्या बहुत अधिक है। ये सर्टिफिकेट्स इन्हें परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने और उत्कृष्ट लेखन प्रदर्शन हेतु प्रदान किया गया। इन सभी शिक्षकों को इस अद्भुत गौरावपूर्ण सम्मान को प्रदान करते हुए विद्यालय प्रबंधन को बहुत खुशी हुई। ज्ञान ज्योति की प्राचार्या डॉo सीपी जैन ने अपने हर्षपूर्ण उद्बोधन में सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि देश हित में जो हमारा विद्यालय शुरु से कार्य करता आ रहा है और इसमें नेशन बिल्डर के रूप में शिक्षकों का जो योगदान रहता आया है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। उन्होंने कहा कि ये शिक्षक ही होते हैँ जिनके कंधों पर एक स्वस्थ समाज निर्माण का दायित्व होता है।