नहीं गूंजेगी शहनाईयां, शादियों पर लगा ब्रेक
दुनिया व देश भर, पूरे प्रदेश सहात जिले भर मे कोरोना का कोहराम मचा हुआ है । इस कोरोना के कोहराम के बीच चल रहे लॉकडाउन का असर शादियों पर भी पडा है इस माह और आगामी महीनो मे होनी वाली शादियां रद्द हो गई है। इससे कई धंधो को नुकसान हुआ है ।
वर्षभर के श्रेष्ठ अबूझ सावों में से एक आखातीज (अक्षय तृतीया) इस बार 26 अप्रेल को है। आखातीज पर इस बार शादियों का सर्वाधिक लोकप्रिय गीत ‘आज मेरे यार की शादी है’ सुनाई नहीं देगा. शहनाई भी नहीं बजेगी और बड़ी संख्या में जोड़े भी विवाह दांपत्य सूत्र में नहीं बंध सकेंगे। सूत्रो के अनुसार बार आखातीज के दिन प्रस्तावित करीब 50 हजार एकल और सामूहिक विवाह समारोह स्थगित कर दिये गए हैं।



मई और जून की शादियां टली तो नवंबर में ही होंगे फेरे
ज्योतिषियो के अनुसार मलमास खत्म होने के बाद 15 अप्रेल से विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद 20, 25, 26 (अक्षय तृतीया), 27 अप्रेल के मुहूर्त हैं. मई में 1, 2, 4, 6,17,18,19 तारीख को तथा जून में 13, 15 व 30 तारीख को मुहूर्त हैं इस दौरान 29 मई से 12 जून तक शुक्र अस्त होने से मुहूर्त नहीं है। 31 जून को देवशयनी एकादशी और 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी है इस प्रकार जुलाई से 24 नवंबर तक विवाह समारोहों पर ब्रेक रहेगा। नवंबर में दूसरा मुहूर्त 30 को तथा दिसंबर में 7 व 9 तारीख को है।



टैंट और हलवाइयों की एडवांस बुकिंग रद्द
कोराना के कहर के कारण टैंट और सराफा से लेकर हलवाइयों की एडवांस बुकिंग रद्द होने लग गई है । विवाह स्थल समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक प्रदेशभर में इस अवधि में 50,000 से अधिक एकल और सामूहिक विवाह सम्मेलन नहीं होंगे। 30 अप्रेल तक लॉकडाउन लागू रहेगा ऐसे में 26 अप्रेल को आखातीज पर होने वाली शादी समारोह को लेकर अब लोग मैरिज गार्डन, कैटरर्स, टेंट और बैंड की बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं इससे सराफा सहित अन्य क्षेत्र में कारोबार प्रभावित हो रहा है.
व्यापारी और किसान के लिए अक्षय तृतीयाका सावा अहम
लॉकडाउन को लेकर बड़े व्यापारियों सहित राज्य का किसान भी चिंतित है. ज्योतिषचार्यों के मुताबिक अक्षय तृतीया का दिन व्यापार जगत और किसानों के लिए भी खास होता है। पैसे का अधिकतर लेनदेन इसी दिन होता है. कोरोना के कारण इस बार 26 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर शादियों के अबूझ मुहूर्त पर भी ग्रहण लग गया है। लॉकडाउन बढ़ने की आशंका के चलते अक्षय तृतीया के साथ ही मई ,जून में होने वाली शादियां भी टल रही हैं।
क्या कहते है नवदुर्गा मंदिर के पुजारी सुमन बाबा



आरा के प्रसिद्ध नवदुर्गा मंदिर के पुजारी सुमन बाबा बताते है कि अक्षय तृतीया का अपना एक अलग महत्व है। अक्षय का मतलब होता है जिसका क्षय न हो। अक्षय तृतीया एक अत्यंत ही शुभ मूहूर्त है इसी कारण लोग इस तिथि को लेकर शादी के लिए ज्यादा उत्सुक रहते है, और रही बात इस बार इस तिथि पर कोरोना संकट की तो निश्चित तौर पर इस मुहुर्त पर विवाह होना मुमकिन नही लग रहा क्योकि शादी में परिवार के लोग साथ रहते है लेकिन कोरोना में लोगो से दूरी बनाये रखना ज्यादा जरूरी है।