ARA. बिहार में नगर निकाय चुनाव 2022 का ऐलान होते ही सभी उम्मीदवार अपने-अपने एजेंडाओं के साथ जनता को रिझाने में लग गए है। इसी क्रम में भोजपुर जिले में भी सरगमी तेज हो गई है। ऐसे में मेयर की लड़ाई में भोजपुर की महिला प्रियम भी शामिल है। जिन्होंने अपने जीवन काल में केवल लोगों की सेवा की है। आरा शहर नगर निगम में मेयर रह चुकी है। जिसकी वजह से शहर के लोग इस महिला के द्वारा किए गए काम के चर्चाएं खूब है। पत्नी के साथ-साथ पति भी मेयर रहे है। दोनों पति-पत्नी का कार्यकाल सात वर्षों का रहा है। इस बार भी प्रियम मेयर पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाली है। जिसकी जानकारी उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर शनिवार को दी है।
निवर्तमान मेयर के भाई के नाम पर हुआ करोड़ो का आवंटन
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूर्व मेयर सुनील कुमार ने निवर्तमान मेयर रूबी तिवारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि रूबी तिवारी के अपने भाई अनिल कुमार मिश्रा है। उनके नाम पर बहुत सारे योजनाओं का अलाटर्मेंट हुआ है। उस योजनाओं में भी कई आरोप है। जहां मैं का रहा था वहां पर मुझे शिकायत मिली है। करीब करोड़ो का टेंडर रूबी तिवारी के भाई के नाम पर हुआ था। सभी जगहों से मुझे यहीं शिकायत सुनने को मिली है कार्य नहीं हुआ है और पैसा निकाल लिया गया है। जनता बोल रही है यह योजना टेंडर में गया था लेकिन अभी तक बना नहीं है। भ्रष्टाचार में सभी मिले हुए है। निगम में बहुत से ड्राइवर फर्जी ड्राइवर रखे गए है। सफाई कर्मी भी सौ से अधिक फर्जी रखे गए है।
डीजल- पेट्रोल के नाम पर लाखों की राशि को चोरी
पूर्व मेयर सुनील कुमार ने बताया कि जब जिले के पूर्व एसडीएम वैभव श्रीवास्तव को नगर निगम की जिम्मेदारी मिली थी। तो उन्होंने डीजल – पेट्रोल के मध में अपने समय में डेढ़ से दो लाख की कटौती की थी। उसके बाद अभी के नगर आयुक्त ने फिर डेढ़ लाख की कटौती की है। तो हर महीने तो आदमी डेढ़ लाख, दो लाख की डीजल पेट्रोल लूट रहा है। हमारे नगर निगम की जनता को गाड़ी में टैक्स दे रहे है, उस कमाई को लूटा जा रहा है। इसके साथ ही साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर भी लूट मचाई गई है। जिस गरीब को भी यह राशि दी गई है, उससे 25 से 30 हजार रुपए ले लिए गए है। जब मैं मेयर था तो मैंने भी गरीब लोगों को यह राशि का लाभ पहुंचाया था, लेकिन मुझे कोई नहीं कह सकता कि मैं किसी व्यक्ति से पैसे लेता था।
प्रतिद्वंदी की वजह से काम नहीं होने दिया गया था वरना रोड 26 फीट चौड़ी होती
सुनील कुमार का कहना है कि जब 2016 में गोढना रोड वार्ड नंबर 44 को बनवाने के लिए नाली और पथ का फंड 68 लाख का आया था, उसके बाद दूसरी योजना 1 करोड़ 31 लाख की थी, जो गोढना रोड को बनवाने के लिए था। उस दौरान मंत्री महेश्वर हजारी जो थे। उसी दौरान यह सड़क बन सकता था। उस दौरान हमने जो नाला बना है वाहन से लेकर नाला तक का पथ योजन किया जाए। उस दौरान यह गोढना रोड 26 फीट चौड़ा बनने वाला था। फिर 2017 में टेंडर किया लेकिन उस दौरान कहा गया कि 2014 में रोड बना है, इसलिए अब पांच साल बाद बनेगा। उसके बाद 2019 में जब टेंडर हुआ। तो जिसने टेंडर किया उसका नगर निगम में सफाई कर्मियों का पैसा बकाया था, तो वो टेंडर छोड़ दिया। टेंडर रिभाईज करने की वजह से 26 फीट का रोड आज 12 फीट का हो गया। जिसका दोषी में प्रतिद्वंदी को मानता हूं जिसकी वजह से इस दौरान काम नहीं लग पाया।