ARA. जनता दल यूनाइटेड में इस्तीफे का शिलशिला लगातार जारी है। बुधवार को आरा शहर में प्रदेश कमिटी के और जिला कमिटी के सक्रिय कार्यकर्ताओं ने जनता दल यूनाइटेड से खुद को अलग कर दिया है। इसमें करीब 74 कार्यकर्ताओं ने जदयू का दामन छोड़ दिया है। इसकी जानकारी बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के सक्रिय कार्यकर्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी है और आज बुधवार से ही सभी 74 कार्यकर्ताओं ने जदयू और नीतीश कुमार से अलग बताया है।
जंगल राज लौटने पर सभी कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रदेश महासचिव (किसान व सहकारिता प्रकोष्ठ) शिव शंकर प्रसाद उर्फ जागा कुशवाहा ने बताया कि बिहार में अब जंगल राज रिटर्न हो गया है। जिसकी वजह से हम सभी नेता जदयू में नहीं रहना चाहते है। आरा शहर की ही बात कर लीजिए। महागढबंधन बनते ही सात दिनों में करीब 11 हत्याएं हुई थी। लेकिन पुलिस प्रशासन मौन पड़ी हुई है। क्राइम बढ़ गया है। कुशवाहा समाज के नेता और अन्य समाज के नेताओं की भी हत्या हो रही है। जिसके लिए हम सभी ने 20 साल तक संघर्ष किया, आज उन्हीं को सत्ता सौंपी जा रही है।
स्वार्थहित और चापलूसी के लिए पार्टी चल रही है
जागा कुशवाहा ने बताया कि जिस प्रकार 2005 में जदयू बिहार में आई थी और इतने अच्छे अच्छे काम किए थे। उस प्रकार अब जदयू काम नहीं कर रही है। पार्टी में अब केवल स्वार्थहित और चापलूसी रह गया है। हमारी पार्टी में कोई नहीं सुनता है। अगर हम अपने प्रदेश के लिए या जिले के लिए कोई काम लेकर पार्टी के पास जाते है। तो वो हमें अनसुना कर देते है। ऐसे में पार्टी में रहने का कोई औचित्य ही नहीं है। जब महागठबंधन बनी तो युवाओं के लिए रोजगार की बात की गई थी। लेकिन आज गरीब गुरबे, पिछड़ों और जो अधिकार है उनसे सभी वंचित है।
जंगल राज के खिलाफ थी सरकार लेकिन आज मुद्दे से भटक गई
बड़े बड़े नेताओं ने जदयू से अपना दामन छुड़ाया