आरा बालिका उच्च विद्यालय एवं शिशु संस्थान महादेव रोड,आरा के प्रांगण में शिक्षक दिवस छात्राओं द्वारा हर्ष एवं उत्साह के साथ मनाया गया। विद्यालय के चेतना सत्र के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक जगदीश सिंह, डॉक्टर निरुपमा सिंह, निदेशक रामजी तिवारी के साथ-साथ विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राओं ने स्वतंत्र भारत के द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए निदेशक रामजी तिवारी ने कहा कि डॉ राधाकृष्णन बहूआयामी प्रतिभा के धनी होने के साथ ही देश की संस्कृति को प्यार करने वाले व्यक्ति थे। डॉ निरुपमा सिंह ने राधाकृष्णन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ राधाकृष्णन को सन् 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। प्रधानाध्यापक श्री सिंह ने छात्राओं को बताया कि डॉ कृष्णन का कहना था कि पुस्तक वह साधन है जिसके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच एक फूल तैयार करते हैं। शिक्षक सुरेश कुमार ने छात्र-छात्राओं को बताया कि डॉक्टर कृष्ण अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षक के रूप में व्यतीत किये थे उनका कहना था कि शिक्षा का अर्थ है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृति। देश के शिक्षकों के लिए उनके योगदान के कारण उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके बाद आज के दिन के लिए विद्यालय के दशम वर्ग के छात्राओं ने विद्यालय के प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षका का पदभार संभाला। छात्रा कुमारी सौम्या प्रधानाध्यापिका का तथा छात्राएं क्रमश: कोमल कुमारी, प्रिया कुमारी, दिव्या कुमारी, अंजली कुमारी, सुप्रिया राज, रिया केसरी, खुशी कुमारी, सुभद्रा कुमारी, रिया कुमारी, प्रिया कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, कंचन कुमारी, स्नेहा कुमारी, कीर्ति कुमारी, प्रीति कुमारी ने विषय शिक्षिका के रूप में सफलतापूर्वक विद्यालय का संचालन किया और अलग-अलग वर्गों में जाकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाया। छात्रा कुमारी सौम्या ने कहा कि आज शिक्षिका के रूप में कार्य करते हुए रोमांच एवं गर्व का एहसास हो रहा है तथा आज तक हमने जो कुछ भी अपने शिक्षक शिक्षिओं से सीखा उसे अपने अनुजों को सीखाने का प्रयास एक सुखद अनुभूति है आज का यह खास दिन और हम छात्राओं द्वारा किया जाने वाला यह खास कार्य हमें आजीवन याद रहेगा और मैं भविष्य में पढ़ लिख कर एक अच्छी शिक्षिका बनना चाहती हूं।