Tuesday, September 26, 2023

बिहार के 17 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों में फंसे, अभी वापस लाना मुमकिन नहीं: नीतीश सरकार

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Bunty Bhardwaj
Bunty Bhardwaj is an Indian journalist and media personality. He serves as the Managing Director of News9 Aryavart and hosts the all news on News9 Aryavart.

देश में लॉकडाउन के चलते बिहार के 17 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं और उन्हें फिलहाल वापस लाना मुमकिन नहीं है। बिहार सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट में यह जानकारी दी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उन लोगों को फौरी सहायता के तौर पर भोजन, राशन और रुपये दिए जा रहे हैं।

आपदा प्रबंधक विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोग और उनको प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही मदद के बारे में हाईकोर्ट के निबंधक कार्यालय को रिपोर्ट सौंपी। बता दें कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने बिहार सरकार से जवाब मांगा था। 

अपनी रिपोर्ट में बिहार सरकार ने बताया कि लॉकडाउन के नियमों और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। लॉकडाउन की अवधि में प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को वापस नहीं लाया जा सकता। ऐसे लोगों को समुचित भोजन, राशन के साथ तत्काल एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। 

राज्य सरकार ने कहा कि टेलीफोन, हेल्पलाइन नंबर, मोबाइल एप बहुत पहले ही जारी कर दिए गए थे। दरअसल, कोटा में पढ़ रही बिहार की एक छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि छात्रा को कोटा में रहने और खाने की परेशानी हो रही है। 

लड़की के पिता ने याचिका में कहा है कि जिस तरह यूपी, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल और असम की सरकारें कोटा में पढ़ने वाले अपने छात्रों को वापस लाई हैं उसी तरह बिहार सरकार भी अपने राज्य के छात्रों को वापस बुलाए। इसी पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब मांगा था।  दूसरे राज्यों के छात्रों को घर जाता देख अब कोटा में रह रहे बिहार के छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। बिहार के छात्र हॉस्टल में रहकर ही उपवास कर रहे हैं और हाथ में तख्तियां लेकर राज्य सरकार से घर बुलवाने की अपील कर रहे हैं। कोटा में बिहार समेत अन्य राज्यों के लगभग 22 से 25 हजार छात्र अभी भी फंसे हुए हैं।

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