आरा। भाकपा – माले ने 26-28 नवम्बर को राजभवन के समक्ष किसान-मजदूर महापड़ाव में प्रचार-प्रसार, किसान-मजदूरों को अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने के आह्वान के लिए संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ, मजदूर-किसान संघर्ष यात्रा निकाला। यह यात्रा 21-24 नवम्बर तक जिले के सैकड़ो गांव-चट्टी बाज़ार पर होगी सभा, कर 26-28 को किसान-मजदूर महापड़ाव में शामिल होने का किया जाएगा आह्वान करेगी। इस यात्रा का नेतृत्व भाकपा – माले राज्य स्थाई समिति सदस्य व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, केंद्रीय कमिटी सदस्य व अगिआंव विधायक मनोज मंज़िल, केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, माले राज्य कमिटी सदस्य शिव प्रकाश रंजन, सबीर कुमार, जनकवि कृष्ण कुमार निर्मोही कर रहे थे। इस यात्रा की शुरुआत आरा बस पड़ाव से जिला सचिवजवाहरलाल सिंह में झंडा दिखा कर किया । जिसके बाद यह यात्रा कायमनगर, चांदी, संदेश, अजीमाबाद, सहार, मथुरापुर में सभा को सम्बोधित किया। सभा मे नेताओं नेकहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीन कानूनों के खिलाफ 13 महीने चले ऐतिहासिक किसान आन्दोलन और साढे सात सौ किसानों की शहादत के दबाव में सरकार को अंततः तीन कानूनों को वापस लेने को मजबूर होना पड़ा। लेकिन मोदी सरकार के आश्वासन आजतक पूरे नहीं हुए, चाहे एमएसपी (सी2+50%) पर फसल खरीद की कानूनी गारंटी का मामला हो, सभी किसान शहीद परिवारों, लखीमपुर के किसानों को न्याय, राहत-मुआवजा देने, सभी मुकदमों की वापसी हो या अन्य मांगें हों। उल्टे, केंद्र सरकार ने महगाई बढ़ाकर कृषि लागत को लगभग दुगुना कर दिया। बेरोजगारी, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण ने मजदूर किसान परिवारों की जिन्दगी सासत में डाल दी। जिसके खिलाफ किसानों-मजदूरों से महा पडाव का शामिल होने का आह्वान किया।
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