निरज कुमार त्रिपाठी । देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव समाज के हाशिये पर रहने वाले मजदूर वर्ग पर पड़ा है। बड़े शहरों में रहने वाले हजारों की संख्या में मजदूर कल-कारखानों के बंद होने के कारण बेरोजगार हो गए और अपने गाँव घर की ओर पुनः पलायित हो गए। परंतु पलायन के उपरांत उनके सामने सबसे बड़ी समस्या उनके अपने परिवार की जीविका चलाने की हो गयी। ऐसे में मनरेगा योजना अकुशल मजदूरों की जीविकोपार्जन हेतु वरदान साबित हो रही है ।
प्रवासी मजदूरो के लिए निर्गत हूआ 454 न्यू जॉब कार्ड
भोजपुर जिला अंतर्गत कोविड 19 के कारण हुये तालाबंदी अवधि में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 400076 मानव दिवस सृजित कर अकुशल मजदूरों को वित्तीय राहत दी जा रही है । अब तक 20772 परिवारों के 23755 मजदूरों को अकुशल रोजगार प्रदान किया गया है, जिसमें की 57613 अनुसूचित जाति / जनजाति के तथा 338778 सामान्य श्रेणी समुदाय के मजदूर शामिल हैं। मनरेगा का दायरा नए प्रवासी मजदूरों तक बढ़ाने के लिए 11401 नए जॉब कार्ड बना कर अकुशल श्रमिकों को जिले के 228 ग्राम पंचायतों में 7209 योजनाओं पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। आज की तिथि से जिले मे अवस्थित क्वारंटिन केन्द्रो पर शिविर लगाकर प्रवासी मजदूरों का नया जॉब कार्ड बनाने का निदेश दिया गया है। इस क्रम मे कुल 454 नये जॉब कार्ड प्रवासी मजदूरों को निर्गत किया गया है।



84 आंगनबाड़ी बनाने की कवायद हूई तेज
इस क्रम में जिले में लक्षित 84 आंगनवाड़ी बनाए जाने की कवायद तेज कर दी गयी है । जिन पंचायतों में जमीन की उपलब्धता है वहाँ सभी आंगनवाड़ी की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है जो कुल 38 हैं। कुल 38 के अलावे दो अन्य योजनाये लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। शेष 44 आंगनवाड़ी की योजनाओं की भी प्रशासनिक स्वीकृति की प्रक्रिया को पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू करने की योजना है।
224 जल संचयन संबंधी संरचनाओं के जीर्णोद्धार
भू-जल स्तर बढ़ाने तथा खेती के लिए वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की महत्वाकांच्छी योजना जल-जीवन-हरियाली को भी मनरेगा के सतत प्रयास से बल मिला है। जिले में कुल 224 जल संचयन संबंधी संरचनाओं के जीर्णोद्धार की योजनाएँ शुरू की गयी हैं जिनमे सार्वजनिक आहर, पईन तथा खेत के करहों की उडाही पर ज़ोर दिया जा रहा है।
12 प्रखंडों में चेक डैम का प्राक्कलन तैयार
जल-जीवन-हरियाली अंतर्गत भू-जल स्तर को बनाए रखने के लिए तथा खेती के लिए वर्षा जल संचयन हेतु 12 चेक डैम बनाने का कार्य भी शुरू किया गया है। जिले के कुल 12 प्रखंडों यथा कोइलवर, संदेश, अगियाव, सहार, तरारी, पीरो, चरपोखरी, उदवंतनगर, बिहियाँ, शाहपुर, जगदीशपुर और आरा सदर में कुल 12 चेक डैम का प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी तथा प्रशासनिक स्वीकृति के उपरांत कार्य शुरू करा दिया गया है ।
47 सरकारी योजनाओं की हूई शुरूआत
साथ ही साथ 1 एकड़ से कम के सार्वजनिक जलाशयों यथा पोखर / तालाब इत्यादि के जीर्णोद्धार की कुल 47 योजनाएँ शुरू की गयी हैं । लक्षित, प्रति ग्राम पंचायत 5 जल संचयन संबंधी कार्य के विरुद्ध 2.50 कार्य प्रति पंचायत शुरू किए जा चुके हैं । इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने की योजना बना ली गयी है तथा सभी जल संचयन संबंधी कार्यों को 15 जून 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
आवास योजना पर 90 दिन की मजदूरी का हो रहा भुगतान
निजी क्षेत्र की योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत प्रति स्वीकृत आवास योजना पर 90 दिन का मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। ऐसी लगभग 6000 योजनाओं पर मस्टर रोल प्रतिदिन जारी किया जा रहा है। इसके लिए साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित कर सतत अनुश्रवण किया जा रहा है। माह जून के अंत तक 21000 योजनाओं पर मस्टर रोल जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्षों में मनरेगा अंतर्गत किए गए वृक्षारोपण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, ऐसी योजनाओं पर लगातार मस्टर रोल जारी कर वन-पोषकों को भी प्रति माह 8 मानव दिवस के बराबर का मजदूरी भुगतान किया जा रहा है । जिले में कुल 580 वृक्षारोपण के कार्यों पर नियमित रूप से मजदूरी उपलब्ध कराई जा रही है । प्रखण्ड के कार्यक्रम पदाधिकारी तथा पंचायत रोजगार सेवकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पूर्व के वर्षों में लगाए गए पौधों कि उत्तरजीविता बनी रहे। छोटे तथा सीमांत किसानों को कृषि हेतु खेतो में जल उपलब्ध हो इसके लिए निजी खेत पोखर भी खुदवाए जा रहे हैं। कुल 22 निजी खेत पोखरों पर कार्य प्रगति पर है ।
उप-विकास आयुक्त हरीनारायण पासवान ने दिया निर्देश
उप-विकास आयुक्त श्री हरीनारायण पासवान ने मनरेगा कार्यों के सतत अनुश्रवण हेतु सहरहनीय कदम उठाए हैं। प्रत्येक सप्ताह कार्यक्रम पदाधिकारियों तथा प्रखण्ड स्तर के मनरेगा कर्मियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर योजनाओं का अनुश्रवण कर रहे हैं तथा जरूरी दिशा निर्देश देते है। उप-विकास आयुक्त के द्वारा प्रखंडों में नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण भी किया जा रहा है ताकि लक्ष्य को ससमय प्राप्त किया जा सके तथा मनरेगा अंतर्गत करवाए जा रहे कार्यों की सही गुणवत्ता भी सुनिशित की जा सके। श्री पासवान ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निदेशित किया है कि लक्ष्यों को सप्ताहवार बांटकर प्रखंडों को विभिन्न कार्यों को facilitate करें तथा मनरेगा कर्मियों की जिला स्तर पर बैठक बुला कर उनके कार्यों का सघनता से समीक्षा करें। औसत से कम प्रदर्शन करने वाले प्रखंड तथा उनके कर्मियों पर विशेष ध्यान देते हुये उन्हे बेहतर प्रदर्शन हेतु उत्प्रेरित भी किया जा रहा है ।
बीमार और वृद्ध मजदूरों को काम पर नही लगाने का निर्देश
उप-विकास आयुक्त ने बताया कि कोविड़-19 के संक्रमण के बचाव के लिए मनरेगा के सभी कार्यस्थलों पर जहां एक से ज्यादा मजदूर काम में लगे हुये हैं वहाँ कार्य के दौरान समय-समय पर हाथ धोने के लिए साबुन तथा पानी की व्यवस्था कराई गयी है। अकुशल मजदूरी का काम करते हुये मजदूरों के बीच सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए प्रति 25 मजदूर पर एक जीविका दीदी का चयन कर मेट मे रूप में रखा गया है। काम के दौरान मजदूरों के द्वारा औजारों की अदला-बदली तथा तंबाकू इत्यादि के सेवन को निषिद्ध किया गया है । मजदूरों के द्वारा कार्य स्थल पर फ़ेस मास्क लगाना आनिवार्य है तथा यह भी निदेश दिया गया है कि ज्यादा उम्र तथा बीमार मजदूरों को काम पर ना लगाया जाए ।