Bunty Bhardwaj is an Indian journalist and media personality. He serves as the Managing Director of News9 Aryavart and hosts the all news on News9 Aryavart.
शाहबुद्दीन का “सिवान’ बन रहा चीन का “वुहान”
बिहार के सिवान जिले ने क्या-क्या नहीं देखा है, कभी शहाबुद्दीन का खौफ इस जिले में ऐसा था कि लोग उसका नाम लेते ही सहम जाते थे। आज फिर से बिहार का वही सिवान जिला चर्चा में है, जहां इस बार अपराधी अदृश्य है जिसे सजा भी नहीं दी जा सकती। किसी जमाने में शहाबुद्दीन ने इस जिले में आतंक मचा रखा था और उसकी बादशाहत की पूरे बिहार में तूती बोलती थी क्योंकि वह राजद का सांसद था और उस वक्त राजद की ही सरकार थी।
बिहार का सिवान जिला कोरोना को लेकर चर्चा में बना हुआ है। जिला अब कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है और अबतक राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज इसी जिले से मिले हैं। बिहार में जहां पॉजिटिव मामलों की संख्या अब बढ़कर 66 हो गई वहीं इसमें सिर्फ सिवान जिले के 29 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें से चार मरीज ठीक होकर घर भी चले गए हैं। आखिर क्या वजह है कि इस एक जिले में ही कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। तो इसका जवाब ये हो सकता है कि जांच में हुई देरी और लोगों के बीच जागरूकता की कमी, ये दोनों ही बातें सिवान को वुहान बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
गुरुवार को इस जिले के कोरोना के कुल 17 पॉजिटिव केस मिले फिर शुक्रवार की सुबह दो और केस पॉजिटिव मिले जिसके बाद कुल संख्या 19 पहुंच गई हैं। इस तरह सिवान के एक ही परिवार के अब 18 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। इस परिवार का एक सदस्य 22 मार्च को ओमान से लौटा था और दो अप्रैल को इसकी जांच का सैंपल लिया गया और तीन अप्रैल को इसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। तबतक यह अपने पूरे परिवार के साथ ही अपने गांव के भी कुछ लोगों को कोरोना संक्रमित कर चुका था।
गुरुवार को कोरोना जांच के सैंपल्स की आई रिपोर्ट में ज्यादातर पॉजिटिव मामले सिवान जिले के रघुनाथपुर के उसी गांव के मिले हैं जहां का एक युवक 22 मार्च को ओमान से लौटा था और उसे होम क्वारेंटाइन किया गया था। लेकिन उसकी और प्रशासनिक लापरवाही के साथ जांच में हुई देरी की वजह से उसने कोरोना फैला दिया। उसके पॉजिटिव होने के बाद जब उसके परिवार के सदस्यों का सैम्पल लिया गया तो परिवार की चार महिलाएं पॉजिटिव पायी गईं और उसके बाद उसके परिवार के साथ ही आसपास के लोगों के पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आये हैं जो जांच में बरती गई लापरवाही का नतीजा हैं।
चार महिलाओं की जांच रिपोर्ट के बाद जब दूसरे सैंपल की जांच रिपोर्ट आयी तो इसी परिवार की तीन अन्य महिलाएं जिनकी आयु 50 वर्ष 12 वर्ष और 20 वर्ष है वो पॉजिटिव पायी गईं। उनके साथ ही दो पुरुष जिनकी आयु 30 वर्ष 10 वर्ष है इनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। फिर शुक्रवार की सुबह आई जांच रिपोर्ट में एक बच्ची और एक युवक भी पॉजिटिव पाए गए हैं।
क्या कहते है जिलाधिकारी अमित पांडेय
इस मामले में सिवान के जिलाधिकारी अमित पांडेय ने बताया कि जिस गांव का वह युवक है उस गांव, रघुनाथपुर के 96 लोगों का ब्लड सैंपल पटना भेज दिया गया है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा, कि यह मैन टू मैन है या नहीं। उन्होंने बताया कि सिवान जिले को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और पटना से गांव में छिड़काव के लिए स्पेशल टीम बुलाई गई है।
एक युवक ने बांट दिया कोरोना प्रसाद
कहा जा रहा है कि ओमान से सिवान लौटे उस युवक को होम क्वारेण्टाइन किया गया था, जिसके बाद उसे उसके बथान, यानि पशुओं के रखने की जगह में प्रशासन ने रखवा दिया था। मगर उसकी नियमित निगरानी में लापरवाही बरती गयी और उसने भी अपनी स्थिति के बारे में आसपास के लोगों को सही जानकारी नहीं दी।
वह युवक लोगों से मिलता जुलता रहा, क्रिकेट खेलता रहा। सरकार ने भी उसका टेस्ट कराने में लापरवाही बरती। फिर जब विदेश से लौटे लोगों की जांच शुरू हुई तो उसका भी सैंपल लिया गया। 3 अप्रैल को टेस्ट के बाद वह पॉजिटिव पाया गया। इस तरह से समझिये तो 14 दिन बाद उसका टेस्ट हुआ। 14 दिन वह खुलेआम लोगों को संक्रमित करता रहा। खासकर उसने पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया है।
अब उस युवक की गलती और सरकारी लापरवाही का खामियाजा रघुनाथपुर का वह पूरा गांव भुगत रहा है। पूरे गांव के 96 लोगों की पहली सूची बनी है, अब सबका टेस्ट होगा। उसके वार्ड नम्बर 6 को पूरी तरह सील करके हर घर में होम कोरेण्टाइन का पर्चा चिपकाया गया है। इस लापरवाही से सिवान जिले को दो सबक मिले हैं। होम कोरेण्टाइन का यहां बहुत फुल प्रूफ सिस्टम नहीं है, तो वहीं दूसरा कि टेस्ट में देरी घातक साबित हो रही है। कोरोना एेसा वायरस है जिससे बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जा रहा है और एक पॉजिटिव कई लोगों को बीमारी का प्रसाद बांट सकता है।