आरा। श्री कृष्ण चेतना समिति सभागार में 1942 के अमर शहीद अकली देवी के शहादत स्मृति दिवस समारोह शहीद अकली देवी सेवा संस्थान के अध्यक्ष यादव रामसकल सिंह भोजपुरिया के अध्यक्षता में मनाया गया। संचालन संस्था के सचिव बबन पंडित ने किया। समारोह के उद्घाटन पूर्व विधान पार्षद लालदास ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर किया। अपने उद्घाटन भाषण में पूर्व विधान पार्षद लालदास राय ने कहा कि आजादी को हासिल करने के लिए जो संघर्ष 17वी शताब्दी में 19शताब्दी के मध्य तक पूरे भारत में किये गए। उनमें अनेक जातियों धर्मो एवं सम्प्रदाय के लोगो ने कुर्बानी दी उसमें कौन बड़ा था कौन छोटा था यह सवाल आज भी जिंदा है क्योंकि बौद्धिक अकादमिक इतिहासकारों इसमें काफी डंडी मारी किया है। यही कारण है कि अकली देवी का इतिहास के पन्ने में नही है यदि वो किसी राजघराने के बहु बेटी होती तो उनका नाम इतिहास के पन्ना में होता। राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि शहीद अकली देवी आज़ादी के अग्रदूत थी उसने देश के आज़ादी के लड़ाई में महिलाओं के बीच जनजागरण चलती थी। लोजपा रामबिलास के जिलाध्यक्ष राजेश्वर पासवान ने राजकीय समारोह के निमंत्रण पत्र पर शहादत दिवस के जगह पर पुण्यतिथि आयोजक पर निंदा प्रस्ताव लाया। जिसे उपस्थित जन समूह ने समर्थन किया।प्रो विजय सिंह मुंखिया ने कहा कि शहीद अकली देवी ने पारम्परिक हथियार से 15 सितम्बर 1942 को लड़ते हुए देश के लिए शहीद हो गयी। समारोह को सम्बोधित करने वालो लोगो मे शेषनाथ यादव, डॉ रघुबर चन्द्रवँशी, भीम पटेल, श्याम कुमार मुन्नू, अजय यादव, निर्मल शक्रवार, सुरेश यादव, बिंदेश्वरी शर्मा, डॉ सुखदेव शर्मा, रामजी यादव, मृत्युंजय भारद्वाज, विनोद चन्द्रवँशी, पूर्व जिला पार्षद अमरदीप ब्यास, जिला पार्षद धनंजय सिंह, ज्ञानचंद कुशवाहा, सुरेन्द्र आज़ाद, कमलेश यादव, सत्यनारायण यादव, अशोक मास्टर, विरमानी सिंह, रजनीश यादव, सुदर्शन यादव, महेंद्र गिरी मण्डल, हरेराम पासवान, श्री भगवान पासवान, भुनेश्वर यादव, अमरदीप कुशवाहा, नन्दी पासवान, उपेन्द्र पासवान, अमर पासवान, रजनीश यादव, चन्दन पासवान, जितेंद यादव, गौरी यादव, विजय पासवान, बद्री यादव, सुबास यादव, लालबाबू यादव, हरिचरन यादव, गुप्तेश्वर शर्मा स्वागत भाषण कोषाध्यक्ष विनोद कुमार धन्यनवाद ज्ञान युवा राजद के प्रदेश महासचिव सह जिला पार्षद भीम यादव ने किया।
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