आरा। मंडल कारा में विचाराधीन एक बंदी ददन यादव की मौत के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। आरा मण्डल कारा में बंद एक बंदी की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। वायरल हुए इस ऑडियो में बंदी द्वारा मृत बन्दी ददन यादव की हत्या किये जाने की आशंका जतायी जा रही है। ददन यादव की मौत से संबंधित मंगलवार को एक बंदी का ऑडियो वायरल हो गया। उक्त बंदी मोबाइल के जरिये जेल के बाहर के एक शख्स से बात कर रहा है और घटना की पूरी जानकारी दे रहा है।
हालांकि बातचीत करने वाले बंदी की पहचान स्पष्ट नहीं हो रही है। वायरल हुए इस ऑडियो के अनुसार उक्त बंदी आरा मंडल कारा के वार्ड नम्बर सात में रहने की बात कर रहा है जबकि मृत विचाराधीन बन्दी ददन यादव को ऊपर वाले वार्ड में रखने की बात कर रहा है। इधर, ऑडियो वायरल होने के बाद कारा प्रशासन के कान खड़े हो गये हैं। कारा प्रशासन द्वारा ऑडियो की जांच कर कार्रवाई किये जाने की बात कही गयी है। बता दें कि मंगलवार को सुबह से ही सोशल मीडिया पर बंदी की बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। उसमें बंदी द्वारा कहा जा रहा है कि सोमवार की सुबह करीब तीन बजे उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसके अनुसार मार-मार की आवाज आ रही थी। बताते चलें कि सोमवार की सुबह हत्या के आरोप में जेल में बंद शाहपुर के रामकरही निवासी ददन यादव की मौत हो गयी थी। जेल प्रशासन द्वारा हार्ट अटैक के कारण मौत होने की बात कही जा रही है। इधर, जेल प्रशासन के अनुसार ऑडियो की जांच की जा रही है। इसमें सख्त कार्रवाई की जायेगी।
ऑडियो में कही गयी सारीं बातें गलत है। वायरल ऑडियो में बन्दी बताता है कि सोमवार की सुबह करीब सवा तीन बजे उसकी नींद खुली। तब उसे कुछ आहट सुनाई पड़ी। उसके अनुसार शोर हो रहा था और मार-मार की अवाज आ रही थी। बंदी के अनुसार मार-मार की आवाज शाहपुर इलाके के रहने वाले पूर्व में इनामी रहे कुख्यात और उसके पिता की आवाज लग रही थी। कुछ अन्य लोग की भी आवाज आ रही थी। बंदी के मुताबिक सुबह करीब साढ़े पांच बजे रिटायर फौजी को नीचे लाया गया। तब तक ददन यादव दम तोड़ चुका था। हालांकि “नवबिहार टाइम्स” वायरल हुए इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नही करता है। लेकिन बंदी की मोबाइल से बातचीत का ऑडियो वायरल होने से जेल की चाक चौबंद सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। वायरल ऑडियो के बाद से लोगो के जेहन में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर इतनी सुरक्षा के बावजूद अंदर मोबाइल का उपयोग कैसे हो रहा है ? जबकि जेल प्रशासन द्वारा अक्सर छापेमारी की जाती रही है।