आरा।बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक नियुक्ति हेतु अधिसूचित नियमावली में नियोजित शिक्षकों के साथ छल करते हुए भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है। बिना शर्त पुराने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी घोषित किए जाने तक शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलनरत शिक्षक बिहार सरकार की धमकियों और बंदरघुडकियों से डरनेवाले नहीं हैं। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले चल रहे जेपी मूर्ति, रमना मैदान के समीप धरना को संबोधित करते हुए प्राच्य प्रभा पत्रिका के प्रबंध सम्पादक चंद्रकिशोर कुमार उर्फ कुमार साहब शनिवार को उक्त बातें कहा।



प्रमंडल सचिव सुशील कुमार ने कहा कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ एकमात्र ऐसा संगठन है जिसके कार्यकर्ता पठन- पाठन का काम और अपनी ड्यूटी पूरा करते हुए शांतिपूर्वक अपने आंदोलन को गति दिए हुए हैं। कुमार साहब ने कहा कि बिहार अध्यापक नियमावली, 2023 राज्य सरकार का तुगलकी फरमान है और मानसिक दिवालियापन का परिचायक है। उन्होंने कहा कि प्रोन्नति और वरीयता को धत्ता बताते हुए अधिसूचित नियमावली त्रुटिपूर्ण और विसंगतियुक्त है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ शैक्षिक परिषद सचिव शशिभूषण दूबे ने कहा कि आंदोलनरत शिक्षक बिहार सरकार की धमकियों और बंदरघुडकियों से डरनेवाले नहीं हैं।



शनिवार को धरना की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष डॉ अवधेश कुमार और संचालन आरा अनुमंडल सचिव प्रेम कुमार एवम जिला उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने किया। धरना में शामिल प्रमुख शिक्षक नेताओं में प्राच्य प्रभा पत्रिका के प्रबंध सम्पादक चंद्रकिशोर सिंह उर्फ कुमार साहब, प्रमंडल सचिव सुशील कुमार, शैक्षिक परिषद सचिव शशिभूषण दूबे और जिला सचिव संतोष कुमार सिंह समेत दर्जनों शिक्षक नेता एवम शिक्षक थे।