नई दिल्ली: बिहार में भले ही एनडीए की सरकार बन रही हो, लेकिन एनडीए को बहुमत के आंकड़े से महज 3 सीट ही ज्यादा मिली है। हालांकि नतीजों को देखें तो एनडीए (NDA) 30 सीट और जीत सकता, अगर चिराग पासवान (Chirag Paswan) के नेतृत्व वाली एलजेपी अलग नहीं लड़ती।
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने जेडीयू (JDU) के खिलाफ अपने 112 प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से 30 सीटों पर जेडीयू को हराने में एलजेपी (LJP) की अहम भूमिका रही। इन 30 सीटों पर जेडीयू (JDU) प्रत्याशियों के हार का अंतर एलजेपी (LJP) को मिले वोटों से कम रहा है। जिस कारण से नीतीश कुमार (NITISH KUMAR) की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) 50 सीटों से भी नीचे चली गई। कुल 243 सीटों में से 137 पर LJP ने अपने उम्मीदवार खड़े किए और उनमें से 40 सीटों पर पार्टी ने JD(U) के उम्मीदवारों को काफी बड़ा नुकसान पहुंचाया।
अगर यहां से एलजेपी नहीं लड़ती तो यह जेडीयू के खाते में आते। इनमें दरभंगा ग्रामीण, एकमा, गायघाट, इस्लामपुर, महराजगंज, महिषी, सुल्तानगंज, साहेबपुर कमाल, राजापाकर, मटिहानी, मोरवा, नाथनगर, परबत्ता, लौकहा, महनार, महुआ और कदवा जैसी सीटें शामिल हैं।
उदाहरण के लिए: दरभंगा ग्रामीण में, राजद उम्मीदवार ललित कुमार यादव को 64,929 (41.26 प्रतिशत) वोट मिले, जबकि जद (यू) के फराज फातमी को 62,788 वोट (39.9 प्रतिशत) और लोजपा के उम्मीदवार प्रदीप कुमार को 17,506 वोट (11.9 प्रतिशत) मिले।
एकमा निर्वाचन क्षेत्र में, राजद के श्रीकांत यादव को 53,875 मत (35.05 प्रतिशत) मिले, जबकि जद (यू) की सीता देवी 39,948 मत (25.99 प्रतिशत) और लोजपा के कामेश्वर सिंह को 29,992 मत (19.51 प्रतिशत) मिले। इसी तरह गायघाट में, राजद के उम्मीदवार निरंजन रॉय को 50,433 मत (32.48 प्रतिशत), जद (यू) के उम्मीदवार महेश्वर पीडी यादव को 44,658 वोट (28.76 फीसदी) और एलजेपी उम्मीदवार कोमल सिंह को 32,242 वोट (20.76 फीसदी) मिले।
इस्लामपुर में, राजद उम्मीदवार राकेश कुमार रौशन को 68,088 मत (41.65 प्रतिशत), जद (यू) के चंद्र सेन प्रसाद को 64,390 मत (39.39 प्रतिशत) और लोजपा के नरेश प्रसाद सिंह को 8,597 मत (5.26 प्रतिशत) मिले। महाराजगंज में, कांग्रेस के विजय शंकर दुबे को 48,825 वोट (30.07 प्रतिशत), जद (यू) के हेम नारायण साह को 46,849 वोट (28.86 प्रतिशत) और एलजेपी के डीईओ रंजय सिंह को 18,190 वोट (11.26 प्रतिशत) मिले।