बिहार डेस्क | बिहार की नीतीश सरकार एक तरफ सुसाशन की लाख दावे करती है l सबकुछ व्यवस्थित और सुचारु रूप से काम होने की दावे बाते करती है l बिहार मे विकास कि ट्रेन सबकुछ पटरी पर ठीक ठाक से NDA की डबल इंजन कि सरकार तेज रफ्तार से दौड़ रही है l बिहार मे विकास कि गति तेज होने कि दावे हो रही है, वही दूसरी ओर राज्य की अस्पतालों मे डाक्टरों और कर्मियों के गायब रहने के साथ साथ अस्पताल मे दवा मरीजों को नही मिल रही है l दूसरी ओर पर्याप्त मात्रा मे दवा उपलब्ध रहने के सरकार के दावे के वावजूद भी दूसरी तरफ इलाज कराने आ रहे अस्पताल मे मरीजों को कोई दवा नहीं मिल पा रही है l जिसका जीता जागता उदाहरण है भगवान भरोसे चल रही है पटना जिले के पालीगंज अनुमण्डल अस्पताल का l यहां जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नही और उपाधिक्षक समेत कई कर्मियों रोज आते भी नही l
पालीगंज अनुमण्डल अस्पताल की उपाधिक्षक डा मीना कुमारी ही 12 बजे तक गायब रहती है तो दूसरे कर्मियों की क्या स्थिति रहती होगी जिसका अंदजा लगना कोई कठिन काम नही l यहाँ सबकुछ अजीबो गरीब तरह से मनमाने ढंग से चलता हुआ दिखाई दे रहा है l कोई 11 बजे तो कोई 12 बजे सभी अपने अपने सुविधा अनुसार अनुमण्डल अस्पताल आते है l किसी को मन किया तो आया नही तो नही आया l जब उपाधिक्षक ही गायब रहती है तो दूसरे को कौन देखने वाला होगा ?



बिहार मे बहार है और अस्पताल से दवा और कर्मी गायब है l सब जगह बहार ही बहार है l क्योंकि बिहार मे नीतिशे सरकार है की लोक लुभावन नारे तो कागजो और बड़े बड़े पोस्टरों और बैनरो पर तो अच्छे लगते है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और होता है l
आज पालीगंज अनुमण्डल अस्पताल मे इसी तरह की नजारा देखने को मिला l सरकारी अस्पतालों मे ज्यादातर गरीब और मजबूर बेसहारा मरीज ही ईलाज करवाने के लिए यह उम्मीद लेकर आते है की यहाँ फ्री मे डाक्टरों द्वारा ईलाज की बाद दवा भी मिलेगी और राज्य सरकार यह दवा भी करती है l लेकिन मरीजों को कोई दवा नहीं मिल रही है l जबकि अस्पताल मे पर्याप्त मात्रा दवा मौजूद रहने की सरकार दावा करती है l कई ऐसे मरीज मिले जिन्हें दवा वितरण केंद्र से दवा नही मिलने पर निराश होकर घर लौटना पड़ा या बाजार से महंगी दवा खरीदने के लिए विवश होना पड़ा l
दवा काउंटर पर दवा वितरण कर रहे कर्मी ने बताया की 15 तरह की जीवन रक्षक दवा उपलब्ध है l लेकिन मरीजों को उसमें से एक भी दवा नही मिल रही है l स्टॉक मे दवा उपलब्ध रहता है लेकिन फार्मासिस्ट दवा प्रभारी हमे वितरण के लिए पर्याप्त मात्रा मे देते ही नही l



दूसरी ओर दवा प्रभारी फार्मासिस्ट रामरूप प्रसाद दास खुद गायब रहते है , वे खुद 11 बजे आते दिखे जबकि 9 बजे ड्यूटी पर आने की समय है l 11 बजे आने के बाद जब इतनी लेट आने की कारण और दवा स्टॉक मे कितने दवा उपलब्ध है पूछने कोई ठोस जबाब नही दिया l देर आने के कारण बताया की दुल्हीन बाजार गए थे दवा लाने और स्टॉक मे कितने दवा उपलब्ध है उन्हे नहीं पता? पता करके बताने की बात कहा l जब दवा प्रभारी फार्मासिस्ट को ही नही पता की अनुमण्डल अस्पताल के स्टॉक मे कितने प्रकार के और कितने दवा उपलब्ध है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की अनुमण्डल अस्पताल की क्या स्थिति है l इससे तो यही साबित होता है यहाँ सबकुछ मनमानी ढंग से भगवान भरोसे ही चल रहा है l कौन कब आयेगा और कब जायेगा इसको देखने वाला कोई नही क्योंकि खुद अनुमण्डल अस्पताल उपाधिक्षक का ही आने जाने का कोई समय निश्चित नही है तो दूसरे कर्मियों की कौन पूछने वाला होगा l कई लोग उपाधिक्षक डा मीना कुमारी से मिलने के लिए 12 बजे तक उनके दरवाजे पर बैठे नजर आए लेकिन वे नही आई l
पालीगंज थाने क्षेत्र बालीपाकड गाँव के नीलम कुमारी, पिपरदाहा गाँव के सोनी देवी समेत कई मरीजों ने बताया की डाक्टरों ने देखने के बाद कई दवाई लिखे लेकिन दवा वितरण काउंटर पर एक भी दवा नही मिला पाया l वही सोहरा गाँव के आशा कार्यकर्ता उषा कुमारी समेत कई महिलाए उपाधिक्षक से मिलने के लिए 9 बजे से ही उनके ऑफिस के बाहर 12 बजे तक बैठी रही लेकिन डा मीना कुमारी का कोई आता पता नहीं रहा वे इसी तरह से मनमाने ढंग से आती जाती है साथ उनके सहकर्मी का भी यही हाल रहता है l एक कहावत 12 बजे लेट नही और 1 बजे भेट नही l यही हालत है अनुमण्डल अस्पताल का l पालीगंज अनुमण्डल अस्पताल मे रोगी कल्याण समिति का बैठक भी विगत एक साल से नही हो सका है l रोगी कल्याण समिति की बैठक करवाने की बात पर उपाधिक्षक डा मीना कुमारी कहती है की रोगी कल्याण समिति भंग हो चुकी लेकिन कौन कब और कैसे हुआ इसकी कोई लिखित आदेश की कोई अधिकारिक जानकारी नहीं देती है l