बिहार में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने (पीएफआई) ने कटिहार, पूर्णिया और दरभंगा में कई जगहों पर विवादित पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद को लेकर उकसाने वाली टिप्पणी की गई है। इसमें लिखा है कि 6 दिसंबर को भूल न जाएं। इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद के तीनों गुंबदों की तस्वीर है। ये पोस्टर समाहरणालय गेट पर, एसपी कार्यालय और डीएम के दफ्तर के बाहर लगाए हैं। साथ ही पूर्णिया जेल चौक, अस्था मंदिर चौक और दरभंगा जिले के कई इलाकों में इन पोस्टरों को लगाया गया है।



दरअसल, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया था। इसी को लेकर पीएफआई ने बिहार के कई जिलों में ऐसे पोस्टर लगाए हैं। हाल ही में ईडी ने दरभंगा और पूर्णिया समेत देश के कई राज्यों में पीएफआई के ऑफिसों में छापे मारे थे। यह कार्रवाई ईडी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में विदेशी फंडिंग के मामले को लेकर की थी। दरभंगा में पीएफआई के जनरल सेक्रटरी मो. सनाउल्लाह के घर पर छापा मारा गया था। इसके अलावा पूर्णिया के राजाबाड़ी में स्थित पीएफआई के दफ्तर पर भी ईडी ने धावा बोला था। ईडी के छापेमारी को लेकर से इन दोनों जगहों पर पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। दरभंगा में इन कार्यकर्ताओं ने ईडी के गाड़ी को घेर लिया था। वहीं, पूर्णियां में समाहरणालय के सामने धरना प्रदर्शन किया था।



राज्य में बढ़ाई गई सुरक्षा
पी.एफ.आई. के द्वारा पोस्टर चिपकाने के बाद प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। मुख्यालय की ओर से कटिहार समेत आस-पास के कई जिलों के पुलिस अधिकारियों चाक-चौबंद से सुरक्षा रखने के आदेश मिले हैं। इस संबंध में पुलिस ने कहा कि 6 दिसंबर को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जगह कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया है। साथ ही सोशल मीडिया पर नजर भी रखी है।
क्या है पी.एफ.आई. संगठन ?
पी.एफ.आई. यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक उग्र इस्लामिक संगठन है। जो लोगों को हक दिलाने और समाजसेवा करने का दावा करता है। इसका गठन 2006 में किया गया था। यह संगठन 16 राज्यों में फैला हुआ। 15 से ज्यादा मुस्लिम संगठन इससे जुड़े हुए हैं। इसकी एक महिला विंग भी है। हजारों की संख्या में लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं। झारखंड में पीएफआई पर बैन लगाया गया था। झारखंड सरकार को इसके कुछ सदस्यों के लिंक सीरिया से मिले थे। 2018 मे केरल में इसे बैन करने की मांग उठी थी। ये मांग एर्नाकुलम के एक छात्र की हत्या के बाद उठी थी। अब यूपी में हुई हिंसा में इस संगठन का हाथ होने का आरोप है। यूपी में पिछले 6 महीनों में यह संगठन काफी तेजी से बढ़ा है।