आरा में राजद नेता कन्हैया प्रसाद ने एक बार फिर केन्द्र सरकार पर निशाधा साधा है। इस बार कन्हैया प्रसाद ने राजद सुप्रिमो लालू प्रसाद और निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को लेकर निशाना साधा है।
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कन्हैया प्रसाद ने केन्द्र सरकार से तिखे सवाल भी किये है। उन्होने सरकार सरकार से पुछा है कि कि आतंकियों का दोस्त दविंदर सिंह याद है ? जिसका हाथ पुलवामा ब्लास्ट में होने की खबर आयी थी। उसे अरेस्ट करके NIA को सौंप दिया गया था। उसे ज़मानत मिल गयी है, उसके वकील ने कारण बताया कि दिल्ली पुलिस ने चार्ज शीट देरी से फ़ाइल की। अब दिल्ली पुलिस गृह मंत्री अमित शाह के अंडर आती है ये तो आप जानते ही हैँ। फिर किसने और क्योँ एक आतंकी का बचाव किया ?



कन्हैया प्रसाद कहा कि पुलवामा अटेक की गाड़ी, वो RDX, जवानों को एयर लिफ्ट की बजाय रोड से भेजना और दस्ते में जो गाड़ी बुलेट प्रूफ नही थी उसी पे हमला होना। और हमलावर का चुनाव से पहले दिल्ली पहुंचना। (जहाँ गलती से अरेस्ट हो गया) और फिर केंद्र के अंडर आने वाली पुलिस का जानबूझ के छोड़ देना। यह सरकार की गलत नीतियों को दर्शाती है।
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अगर एक आतंकी को सारे सबूत रहते हुए भी जमानत मिल जाती है तो लालू प्रसाद यादव जो कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित है और सुप्रीम कोर्ट भी आदेश दिया था कि जिस व्यक्ति की उम्र 70 के पास है उन्हें कोरोना महामारी मे पे—रोल पर छोड़ने की बात थी और लालू प्रसाद यादव तो ऐसे भी आधी सजा काट चुके हैं फिर उनके साथ सरकार दोहरी नीति क्यो अपनाती है।
कन्हैया प्रसाद ने सरकार से अनुरोध किया हैं कि लालू यादव को पे—रोल पर रिहा किया जाए। एक गंभीर बीमारियों से ग्रसित वेक्ति को ज़मानत नही हो रही और एक आतंकी पर पुलिस चार्ज शीट तक फ़ाइल नहीं कर रही।