छत्तीसगढ़ | नेशनल डेस्क | ऑल इण्डिया जन अधिकर सुरक्षा कमेटी ने विरशा मुंडा के नेतृत्व में उलगुलान आन्दोलन का 130 वां वर्षगांठ छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिला पखांजूर के ग्राम घोड़ागांव में उलगुलान दिवस पालन किया गया हैं। अंग्रेजों से लोहा लेकर शहीद विरशा मुंडा ने जल,जंगल ,जमीन कि सुरक्षा करने का नेतृत्व दिया।उनके नेतृत्व में आदिवासी समुदाय,साधारण नागरिक से लेकर आवाम के शोषित जनता ने अंग्रेजों खिलाफ बगावत किया था।
आज उस आन्दोलन का 130वा वर्ष चल रहा हैं। इस ऐतिहासिक महान क्रांतिकारी आन्दोलन में आपनी जान की कुर्बानी दी है। तत्कालीन समय की क्रांतिकारी आन्दोलन में शाहदत देने वाले शहीदों के संघर्ष से शिक्षा लेकर उनके सपनो को सफल करने का जिम्मेदारी हम वर्तमान पीढ़ीयों पर हैं।सहांगु नुरुटी,अनिमेष विश्वास, पथिक आदि ने कहां हैं कि अंग्रेजों की साम्राज्यवादी शासन की त्रासदी में उनके खिलाफ प्रथम संगठन निर्माण, संगठनात्मक सिद्धांत के साथ विरशामुंडा ने नेतृत्व दिया था।



आज ऐसे महान शहीदों के बिचारों की प्रचार प्रसार तमाम शोषण से मुक्ति के लिये समाज में अत्यंत आवश्यक हैं। ततकालिक समय शहीद विरशा मुंडा के नेतृत्व में समाज में शोषक श्रेणी सामंतवादी ,अंग्रेजों की दमन पीड़ण ,लूट ,अन्याय अपराध से लड़ने के लिए बिरसा मुंडा ने “उलगुलान” के बीज डाले थे। और उलगुलान क्रांतिकारी नारा दिया था ।जिसका मतलब है अन्याय ,शोषण के विरोध में भारी कोलाहल व उथल-पुथल’ को समझदारी हासिल कर समाज को जागृति करना और अमन चैन प्राप्ति के खातिर अपनी हक में आवाज बुलंद करना।
उलगुलान सृजन के लिए, उलगुलान शोषण के खिलाफ़, उलगुलान अपने हक़ों के लिए, उलगुलान झूठ और फरेब के खिलाफ़, उलगुलान ब्रितानी और सामंती व्यवस्था के खिलाफ़। आज भी हर अन्याय का विरोध करने और हक के लिए आवाज उठाने का प्रेरणा विरशा मुंडा के नेतृत्व में ऐतिहासिक आन्दोलन उलगुलान समाज को साझा करते रहेंगे ।अधिक से अधिक लोगों तक विरशा मुंडा के बिचारो को लेते हुए आज जो किसान विरोधी तीन कृषि कानून लागु किया और बिजली बिल संषोधन अध्यादेश लाया गया है। उसका विरोध में किसान आन्दोलन सफल करने में निर्णायक भुमीका निभाना हैं वर्तमान किसान आन्दोलन में आवाम की समस्त नागरिकों को अपनी अपनी ऐतिहासिक दायित्व ,कर्तव्य एवं जिम्मेदारी निभाने का अपील ऑल इण्डिया जन अधिकार सुरक्षा कमेटी ने किया हैं। विरशा मुंडा की उलगुलान की आह्वान पर उस आन्दोलन में शहीदों को याद किया गया हैं।मेस्सु नुरूटी,ग्राम मुखिया निरगु कुमेटी, पिलसाय नुरूटी,जयलालनाग, सहगु,सेरगु,रामसाय,रामलाल,रानु,सुकालु,कुशल,रामु,हरीलाल,आयतु,लासु महेश,प्रकाश,अनिमेष,निबास आदि ने माला एवं फुल चड़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दिया हैं।