इन दिनों दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर चिंता की जा रही है। सबसे पहले ये वायरस चीन में पाया गया था। जानकारों का मानना है कि ये वायरस चीन में जंगली खाने कि वजह से जानवरों से इंसानों तक पहुंचा है।चीनी लोग कुत्ते से लेकर बिल्ली जैसे जानवरों के मांस को बड़े चाव से खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहां के लोग एग्जोटिक मीट के अलावा मां की गर्भनाल (Human Placenta) और बच्चों का मांस भी खा जाते हैं। हालांकि,इसे सोग भूख मिटाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए खाते हैं।
चीनी लोगों का मानना है कि गर्भनाल (Human Placenta) और बच्चों के मांस से शरीर में गजब की ऊर्जा मिलती है। साथ ही, यौन शक्ति में भी इजाफा होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में एक संतान पैदा करने का कानून है। ऐसे में दूसरा गर्भ ठहरते ही महिलाएं भ्रूण हत्या करा देती हैं, जिसकी वजह भ्रूण की आसानी से आपूर्ति हो जाती है।



चीन अजीबोगरीब खाने की चीजों में गर्भनाल भी शामिल है। चीन में माँ शिशु के जन्म के बाद गर्भनाल को खा जाती है, यह सुनने में अजीब लग रहा होगा पर यह सत्य है। चीन के अनुसार गर्भनाल खाने के अनेक फायदे हैं। इसलिए चीन के लोग गर्भनाल को खाते हैं।
गर्भनाल माँ के गर्भाशय के बाहरी हिस्से से जुड़ा होता है इसे प्लेसेंटा भी कहा जाता है। यह गर्भावस्था में भूर्ण को पोषण करवाने का काम करता है। माँ जो भी खाती है उसे यह फिल्टर करके भूर्ण तक पहुंचाता है। भूर्ण के विकास में प्लेसेंटा की अहम भूमिका होती है। आमतौर पर जब बच्चे का जन्म हो जाता है तब यह प्लेसेंटा (गर्भनाल) सुखकर गिर जाती है। पर चीन में शिशु के जन्म के बाद माँ खुद गर्भनाल खाती है।



चीन के लोग गर्भनाल बहुत ही चाव से खाते हैं, चीन में इसे जिहेचे के नाम से जाना जाता है। चीनी डॉक्टर ली शिजेन के अनुसार गर्भनाल खाने का प्रमाण साल 1500 में मिल चूका है। उनके अनुसार गर्भनाल खाने से माँ को ब्रेस्टफीडिंग कराने में आसानी होती है, बच्चे को अनेक तरह की बिमारियों से बचाया जा सकता है, महिला को माँ बनने के बाद होने वाले मानिसक तनाव से भी छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं यह नपुसंकता को भी मिटाती है। यही वजह है की चीन में महिलाएं ही नहीं पुरुष भी गर्भनाल का सेवन करते हैं।



आपको जानकार हैरानी होगी की चीन में महिलाएं गर्भनाल को बेचती है यहाँ तक की कुछ अस्पतालों में इसकी चोरी भी की जाती है। प्लेसेंटा पर रिसर्च करने वाली संस्था Independent Placenta Encapsulation Network (IPEN) के अनुसार गर्भनाल की कीमत 150 पाउंड से हजारों पाउंड तक होती है। इनके दानेदार कैप्सूल तैयार किये जाते है और दूध, पानी या सूप के साथ मिलाकर इसे पिया जाता है। हालाँकि इन कैप्सूल बनाने वाली कंपनियों पर कोर्ट केस चल रहे है और प्लेसेंटा चोरी करने के आरोप लगाये गये हैं।



बहुत से स्तनधारी जानवर अपना प्लेसेंटा खाते है जैसे चूहे, खरगोश और बिल्ली भी अपनी गर्भनाल बच्चों के जन्म के बाद खा जाती है। पर इंसानों द्वारा गर्भनाल खाना सोचने वाली बात है। अनेक डॉक्टर्स का कहना है की गर्भनाल खाना अनेक बिमारियों को दावत देना है। क्योंकि गर्भनाल खाने को फिल्टर करती है और उसके बाद भ्रूण तक पहुंचती है। ऐसे में गर्भनाल में अनेक तरह के बैक्टीरिया हो सकते है। ऐसे में कोई भी इंसान इसका सेवन करता है तो उसे अनेक तरह के रोग होने के चांस ज्यादा है। ऐसे में डॉक्टर तो यही मानते हैं की गर्भनाल का सेवन करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन इन चीनी लोगों को कौन समझाएं ?